करनाल गुरबख्श सिंह ढिल्लों की 19वीं पुण्यतिथि मनाई गई


 करनाल गुरबख्श सिंह ढिल्लों की 19वीं पुण्यतिथि मनाई गई 

सर्व धर्म सभा के साथ सभी ने उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की



आजाद हिंद फौज के क



र्नल पद्मभूषण गुरुबख्श सिंह ढिल्लन की 19वीं पुण्यतिथि उनके समाधि स्थल हातोद में मनाई गई। कार्यक्रम में पहुंचे लोगों ने अमर शहीद को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान प्रशासनिक अमला सहित आईटीबीपी, सीआरपीएफ के अधिकारियों व शहर के जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी शहादत को याद किया।

कार्यक्रम के शुरुआत में सर्व धर्म सभा हुई। जिसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख व ईसाई धर्म से जुड़े गुरुओं ने अपने अपने विचार रखे। गुरुजनों ने शांति और सद्भाव के मार्ग पर चलने व एकता और भाईचारे के साथ रहने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा कर्नल गुरुबख्श सिंह ढिल्लन के साथ के समय को याद किया। इसके बाद समाधि स्थल पर पहुंची मशाल यात्रा को समाधि स्थल पर रखा गया। इस दौरान आजाद हिंद फौज के सेनानायक कर्नल गुरुबख्श सिंह ढिल्लन की आजादी की दास्तान भी सुनाई गई। 

कर्नल गुरुबख्श सिंह ढिल्लन को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने नेहरू बिग्रेड की कमान सौंपी थी। जिसने ब्रिटिश सेना के खिलाफ मोर्चा संभाला था। देश की आजादी के 50 वर्ष पूरा होने पर भारत सरकार ने उनके नाम पर डाक टिकट जारी किए। उन्हें पदम भूषण की उपाधि से अलंकृत किया गया। 

कर्नल गुरुबख्श सिंह ने द्वितीय विश्वयुद्ध में भी भाग लिया। इसके बाद वे आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए। अंग्रेज सरकार ने उन पर मुकदमा चलाया। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के विदेश जाने और भारत की आजादी के बाद वे शिवपुरी के हातोद गांव आ गए। 1998 में भारत सरकार ने उन्हे 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया। 6 फ़रवरी 2006 को उन्होंने अंतिम सांस ली।


Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url